इंदौर के श्री सत्य साईं स्कूल में पेरेंट्स की कार्यशाला:बालवाटिका में बच्चों के पालन-पोषण पर सत्र, एड्यूकेयर के 5 शिक्षण तकनीकों का प्रदर्शन
इंदौर के श्री सत्य साईं स्कूल में पेरेंट्स की कार्यशाला:बालवाटिका में बच्चों के पालन-पोषण पर सत्र, एड्यूकेयर के 5 शिक्षण तकनीकों का प्रदर्शन
इंदौर के श्री सत्य साईं विद्या विहार में रविवार को सत्र 2025-26 में प्रवेश लेने वाले बच्चों के अभिभावकों के लिए 'अच्छा पालन-पोषण' कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य अभिभावकों को स्कूल के दर्शन और श्री सत्य साईं बाबा के एड्यूकेयर सिद्धांतों से परिचित कराना था। बालवाटिका में कार्यक्रम की शुरुआत ओंकार और विद्यालय प्रार्थना से हुई। स्कूल की प्रधानाचार्या डॉ. अंजू चोपड़ा ने अभिभावकों का स्वागत किया। उन्होंने स्कूल की शैक्षणिक गतिविधियों और उपलब्धियों की जानकारी साझा की। कार्यशाला में बच्चों ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया। इसमें परिवार के साथ समय बिताने और डिजिटल डिटॉक्स का संदेश दिया गया। कठपुतली शो के माध्यम से बच्चों के लिए संतुलित दिनचर्या का महत्व समझाया गया। शिक्षाविदों ने एड्यूकेयर की 5 शिक्षण तकनीकों का प्रदर्शन किया। अभिभावकों को विद्यालय की शैक्षिक रणनीतियों को घर पर लागू करने की जानकारी दी गई। सभी अभिभावकों ने कार्यशाला को प्रभावी और प्रेरणादायक बताया। यह सत्र बच्चों और अभिभावकों दोनों के लिए मार्गदर्शक साबित हुआ।
इंदौर के श्री सत्य साईं विद्या विहार में रविवार को सत्र 2025-26 में प्रवेश लेने वाले बच्चों के अभिभावकों के लिए 'अच्छा पालन-पोषण' कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य अभिभावकों को स्कूल के दर्शन और श्री सत्य साईं बाबा के एड्यूकेयर सिद्धांतों से परिचित कराना था। बालवाटिका में कार्यक्रम की शुरुआत ओंकार और विद्यालय प्रार्थना से हुई। स्कूल की प्रधानाचार्या डॉ. अंजू चोपड़ा ने अभिभावकों का स्वागत किया। उन्होंने स्कूल की शैक्षणिक गतिविधियों और उपलब्धियों की जानकारी साझा की। कार्यशाला में बच्चों ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया। इसमें परिवार के साथ समय बिताने और डिजिटल डिटॉक्स का संदेश दिया गया। कठपुतली शो के माध्यम से बच्चों के लिए संतुलित दिनचर्या का महत्व समझाया गया। शिक्षाविदों ने एड्यूकेयर की 5 शिक्षण तकनीकों का प्रदर्शन किया। अभिभावकों को विद्यालय की शैक्षिक रणनीतियों को घर पर लागू करने की जानकारी दी गई। सभी अभिभावकों ने कार्यशाला को प्रभावी और प्रेरणादायक बताया। यह सत्र बच्चों और अभिभावकों दोनों के लिए मार्गदर्शक साबित हुआ।