इसराइली सेना बोली, हमास के हमले से किबुत्ज़ बेरी को बचाने में हम नाकाम रहे

इसराइली सेना ने सात अक्तूबर को हुए हमास के हमले को लेकर अपनी इंक्वायरी रिपोर्ट में स्वीकार किया है कि हमले से किबुत्ज़ बेरी को बचाने में वो नाकाम रही थी. यहां 101 लोग मारे गए थे. इसराइली रक्षा मंत्री योआव गैलांट ने हमले के दौरान सुरक्षा एजेंसियों की तैयारी की जांच की मांग की है. सेना ने अपने आधिकारिक इंक्वायरी रिपोर्ट में बताया है कि सेना कैसे किबुत्ज़ बेरी की सुरक्षा करती थी. रिपोर्ट के अनुसार जब हमास ने हमला किया था, ग़ज़ा और इसराइल को बांटने वाली बाड़ के नज़दीक स्थित किबुत्ज़ में सबसे अधिक मारे गए थे. योआव गैलांट ने प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू सभी शीर्ष लोगों के एक्शन की पड़ताल करने के लिए एक राष्ट्रीय जांच की मांग की है. सेना की इंक्वायरी रिपोर्ट में क्या है? रिपोर्ट में उस घटना का भी ज़िक्र है जिसमें एक टैंक को उस घर पर गोलाबारी करने का आदेश दिया गया जिसमें 13 लोगों को बंधक बनाकर रखा गया था. रिपोर्ट के नतीज़े में कहा गया कि, जांच टीम ने पाया कि किबुत्ज़ बेरी के निवासियों को बचाने के अपने मिशन में सेना नाकाम रही. हमलों की दोपहर तक स्पष्ट, सटीक और परिस्थितियों का सही आकलन करने में सेना को काफ़ी जूझना पड़ा. सेना के कमान और नियंत्रण और तालमेल की कमी थी. सेना असमंजस की स्थिति में थी और किबुत्ज़ के गेट पर पहुंचने के बाद भी सैनिक तत्काल अंदर नहीं गए, जबकि हमास लड़ाके लोगों को मार रहे थे. हालांकि रिपोर्ट में सैन्य बलों, कमाडरों और सुरक्षाकर्मियों की वीरता और साहस की तारीफ़ की, जिन्होंने कई निवासियों को बचाया था. हमास के हमले में 1200 इसराइली मारे गए थे और 251 लोगों को बंधक बनाकर हमास के लड़ाके अपने साथ ग़ज़ा ले गए थे. इसके बाद शुरू हुई इसराइली सैन्य कार्रवाई में, हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 38,000 से अधिक फ़लस्तीनी मारे गए हैं. किबुत्ज़ बेरी के निवासियों ने कहा कि इसराइली डिफ़ेंस फ़ोर्सेज़ ने सुरक्षा न देने पाने की बात स्वीकार की है और वो अब राष्ट्रीय जांच की मांग कर रहे हैं.

इसराइली सेना बोली, हमास के हमले से किबुत्ज़ बेरी को बचाने में हम नाकाम रहे
इसराइली सेना ने सात अक्तूबर को हुए हमास के हमले को लेकर अपनी इंक्वायरी रिपोर्ट में स्वीकार किया है कि हमले से किबुत्ज़ बेरी को बचाने में वो नाकाम रही थी. यहां 101 लोग मारे गए थे. इसराइली रक्षा मंत्री योआव गैलांट ने हमले के दौरान सुरक्षा एजेंसियों की तैयारी की जांच की मांग की है. सेना ने अपने आधिकारिक इंक्वायरी रिपोर्ट में बताया है कि सेना कैसे किबुत्ज़ बेरी की सुरक्षा करती थी. रिपोर्ट के अनुसार जब हमास ने हमला किया था, ग़ज़ा और इसराइल को बांटने वाली बाड़ के नज़दीक स्थित किबुत्ज़ में सबसे अधिक मारे गए थे. योआव गैलांट ने प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू सभी शीर्ष लोगों के एक्शन की पड़ताल करने के लिए एक राष्ट्रीय जांच की मांग की है. सेना की इंक्वायरी रिपोर्ट में क्या है? रिपोर्ट में उस घटना का भी ज़िक्र है जिसमें एक टैंक को उस घर पर गोलाबारी करने का आदेश दिया गया जिसमें 13 लोगों को बंधक बनाकर रखा गया था. रिपोर्ट के नतीज़े में कहा गया कि, जांच टीम ने पाया कि किबुत्ज़ बेरी के निवासियों को बचाने के अपने मिशन में सेना नाकाम रही. हमलों की दोपहर तक स्पष्ट, सटीक और परिस्थितियों का सही आकलन करने में सेना को काफ़ी जूझना पड़ा. सेना के कमान और नियंत्रण और तालमेल की कमी थी. सेना असमंजस की स्थिति में थी और किबुत्ज़ के गेट पर पहुंचने के बाद भी सैनिक तत्काल अंदर नहीं गए, जबकि हमास लड़ाके लोगों को मार रहे थे. हालांकि रिपोर्ट में सैन्य बलों, कमाडरों और सुरक्षाकर्मियों की वीरता और साहस की तारीफ़ की, जिन्होंने कई निवासियों को बचाया था. हमास के हमले में 1200 इसराइली मारे गए थे और 251 लोगों को बंधक बनाकर हमास के लड़ाके अपने साथ ग़ज़ा ले गए थे. इसके बाद शुरू हुई इसराइली सैन्य कार्रवाई में, हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 38,000 से अधिक फ़लस्तीनी मारे गए हैं. किबुत्ज़ बेरी के निवासियों ने कहा कि इसराइली डिफ़ेंस फ़ोर्सेज़ ने सुरक्षा न देने पाने की बात स्वीकार की है और वो अब राष्ट्रीय जांच की मांग कर रहे हैं.