एमएमए की दुनिया में भारतीय पहलवान संग्राम सिंह की एंट्री
एमएमए की दुनिया में भारतीय पहलवान संग्राम सिंह की एंट्री
मुंबई, 11 जून । भारतीय कुश्ती जगत में एक बड़ा कदम उठाते हुए, पूर्व कॉमनवेल्थ हैवीवेट चैंपियन संग्राम सिंह एमएमए की दुनिया में प्रवेश करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इस कदम के साथ, वह एमएमए को अपनाने वाले पहले पुरुष पहलवान और एमएमए फाइटर के रूप में प्रतिस्पर्धा करने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। भारत के लिए कुश्ती में लगभग 25 वर्षों तक अपने शानदार करियर के साथ, संग्राम एक एमएमए फाइटर के रूप में अपने नए कदम के लिए तैयार हैं, एक ऐसी शैली जिसमें मूल रूप से पहलवानों के पास मौजूद कौशल शामिल है।
संग्राम ने एमएमए फाइटर के रूप में अपने बदलाव पर कहा, एमएमए भविष्य है, पिछले कुछ सालों में इसकी बढ़ती लोकप्रियता अपने आप में ही सब कुछ बयां करती है। भारत में इस खेल को सबसे ज्यादा दर्शक मिलते हैं और मुझे उम्मीद है कि इस खेल के प्रशंसक भी इसी तरह मेरा समर्थन करेंगे। कुश्ती ने मुझे बहुत कुछ दिया है, जिसमें मेरे देश के लोगों का प्यार भी शामिल है और मुझे उम्मीद है कि वे मेरे नए सफर में भी ऐसा ही करते रहेंगे। एमएमए विश्व मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सम्मान की बात है और उम्मीद है कि मैं अगली पीढ़ी के एथलीटों को प्रेरित करूंगा जो एमएमए फाइटर के रूप में अपना करियर बनाना चाहते हैं। संग्राम ने हाल ही में दुबई प्रो रेसलिंग चैंपियनशिप में 6 साल के अंतराल के बाद वापसी कर कुश्ती जगत में हलचल मचा दी और उनका लक्ष्य एमएमए के साथ-साथ अपने कुश्ती करियर को जारी रखना है।
संग्राम का कमबैक सफल रहा। उन्होंने पाकिस्तान के मुहम्मद सईद को लगभग एकतरफा मुकाबले में हराकर मैट पर अपनी क्षमता साबित की। इस सफल मुकाबले के बाद एमएमए में कदम रखना स्वाभाविक था क्योंकि एमएमए भविष्य की ओर अगला कदम है और इसकी लोकप्रियता दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है। मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स को दुनिया के सबसे कठिन खेलों में से एक कहा जा सकता है। ये कई सारे मार्शल आर्ट्स का मिश्रण होता है। कुश्ती में संग्राम का व्यापक अनुभव काम आएगा। कुश्ती मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की आधारशिला है, जिसमें टेकडाउन, नियंत्रण और ग्राउंड-एंड-पाउंड तकनीकों पर जोर दिया जाता है। (आईएएनएस)
मुंबई, 11 जून । भारतीय कुश्ती जगत में एक बड़ा कदम उठाते हुए, पूर्व कॉमनवेल्थ हैवीवेट चैंपियन संग्राम सिंह एमएमए की दुनिया में प्रवेश करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इस कदम के साथ, वह एमएमए को अपनाने वाले पहले पुरुष पहलवान और एमएमए फाइटर के रूप में प्रतिस्पर्धा करने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। भारत के लिए कुश्ती में लगभग 25 वर्षों तक अपने शानदार करियर के साथ, संग्राम एक एमएमए फाइटर के रूप में अपने नए कदम के लिए तैयार हैं, एक ऐसी शैली जिसमें मूल रूप से पहलवानों के पास मौजूद कौशल शामिल है।
संग्राम ने एमएमए फाइटर के रूप में अपने बदलाव पर कहा, एमएमए भविष्य है, पिछले कुछ सालों में इसकी बढ़ती लोकप्रियता अपने आप में ही सब कुछ बयां करती है। भारत में इस खेल को सबसे ज्यादा दर्शक मिलते हैं और मुझे उम्मीद है कि इस खेल के प्रशंसक भी इसी तरह मेरा समर्थन करेंगे। कुश्ती ने मुझे बहुत कुछ दिया है, जिसमें मेरे देश के लोगों का प्यार भी शामिल है और मुझे उम्मीद है कि वे मेरे नए सफर में भी ऐसा ही करते रहेंगे। एमएमए विश्व मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सम्मान की बात है और उम्मीद है कि मैं अगली पीढ़ी के एथलीटों को प्रेरित करूंगा जो एमएमए फाइटर के रूप में अपना करियर बनाना चाहते हैं। संग्राम ने हाल ही में दुबई प्रो रेसलिंग चैंपियनशिप में 6 साल के अंतराल के बाद वापसी कर कुश्ती जगत में हलचल मचा दी और उनका लक्ष्य एमएमए के साथ-साथ अपने कुश्ती करियर को जारी रखना है।
संग्राम का कमबैक सफल रहा। उन्होंने पाकिस्तान के मुहम्मद सईद को लगभग एकतरफा मुकाबले में हराकर मैट पर अपनी क्षमता साबित की। इस सफल मुकाबले के बाद एमएमए में कदम रखना स्वाभाविक था क्योंकि एमएमए भविष्य की ओर अगला कदम है और इसकी लोकप्रियता दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है। मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स को दुनिया के सबसे कठिन खेलों में से एक कहा जा सकता है। ये कई सारे मार्शल आर्ट्स का मिश्रण होता है। कुश्ती में संग्राम का व्यापक अनुभव काम आएगा। कुश्ती मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की आधारशिला है, जिसमें टेकडाउन, नियंत्रण और ग्राउंड-एंड-पाउंड तकनीकों पर जोर दिया जाता है। (आईएएनएस)