गंगाजल की सौगंध खाकर महिलाओं से धोखा किया था तभी तय किया कांग्रेस में नहीं रहना
गंगाजल की सौगंध खाकर महिलाओं से धोखा किया था तभी तय किया कांग्रेस में नहीं रहना
छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायपुर, 17 अप्रैल। बिलासपुर की पूर्व महापौर वाणी राव, महिला कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय सचिव व महासमुंद की पूर्व नपा अध्यक्ष अनिता रावटे, महासमुंद की जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा पटेल और अरुणा शुक्ला ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा है कि कांग्रेस ने सदैव महिलाओं के साथ छल करके केवल वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करने का राजनीतिक चरित्र प्रदर्शित किया है। भाजपा नेत्रियों ने कहा कि कदम-कदम पर महिलाओं के साथ छल और विश्वासघात कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। महिलाओं के लिए जितने भी वादे किए, एक भी वादा पूरा नहीं किया और जो 500 रु महिलाओ को नहीं दे पाए आज बड़ी बड़ी घोषणाएं कर रहे है कांग्रेस एक बार फिर महिलाओं के साथ भद्दा मजाक कर रही है।
महिला नेत्रियों श्रीमती राव, श्रीमती रावटे, श्रीमती पटेल व श्रीमती शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जिस कांग्रेस की भूपेश सरकार ने महिलाओं को 500 और 1,000 रुपए देने का वादा करके एक रुपया तक पूरे पाँच साल के शासनकाल में नहीं दिया, वह कांग्रेस अब देशभर की महिलाओं को एक लाख रुपए सालाना देने की बात किस मुँह से कर रही है? कांग्रेस देश को यह बताए कि महिलाओं को 50 लाख करोड़ रुपए सालाना वह कैसे देगी, जबकि देश का कुल बजट ही इतनी राशि का होता है। भारतीय जनता पार्टी के एकात्म परिसर स्थित कार्यालय में बुधवार को आहूत पत्रकार वार्ता में भाजपा नेत्रियों ने कहा कि कांग्रेस ने 2018 के चुनाव में जब गंगा मैया की सौगंध खाकर महिलाओं से धोखा किया, तभी मन में आ गया था कि इस पार्टी में नहीं रहना है। कांग्रेस ने गंगाजल की सौगंध लेकर प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था, पर कांग्रेस की भूपेश सरकार को ही शराब की लत लग गई। शराबबंदी के नाम पर महिलाओं के साथ विश्वासघात करने वाली कांग्रेस की सरकार ने उसमें दो हजार करोड़ रुपए का घोटाला तक कर डाला। कांग्रेस ने महतारी सम्मान योजना के तहत प्रतिमाह 500 रुपए और विधवा व वृद्ध महिलाओं को 1,000 रुपए देने का वादा किया था लेकिन पाँच साल में एक रुपया तक महिलाओं को नहीं दिया गया। भाजपा नेत्रियों ने कहा कि इससे अधिक शर्मनाक और क्या हो सकता है कि कांग्रेस ने महिला स्व-सहायता समूहों का कर्ज माफ करने तथा आर्थिक स्थिति सुधारने हेतु सख्त नियम बनाने की बात कही थी लेकिन उन समूहों का कर्ज माफ तो किया नहीं, उल्टे रेडी टू ईट योजना का काम छीन लिया।
छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायपुर, 17 अप्रैल। बिलासपुर की पूर्व महापौर वाणी राव, महिला कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय सचिव व महासमुंद की पूर्व नपा अध्यक्ष अनिता रावटे, महासमुंद की जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा पटेल और अरुणा शुक्ला ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा है कि कांग्रेस ने सदैव महिलाओं के साथ छल करके केवल वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करने का राजनीतिक चरित्र प्रदर्शित किया है। भाजपा नेत्रियों ने कहा कि कदम-कदम पर महिलाओं के साथ छल और विश्वासघात कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। महिलाओं के लिए जितने भी वादे किए, एक भी वादा पूरा नहीं किया और जो 500 रु महिलाओ को नहीं दे पाए आज बड़ी बड़ी घोषणाएं कर रहे है कांग्रेस एक बार फिर महिलाओं के साथ भद्दा मजाक कर रही है।
महिला नेत्रियों श्रीमती राव, श्रीमती रावटे, श्रीमती पटेल व श्रीमती शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जिस कांग्रेस की भूपेश सरकार ने महिलाओं को 500 और 1,000 रुपए देने का वादा करके एक रुपया तक पूरे पाँच साल के शासनकाल में नहीं दिया, वह कांग्रेस अब देशभर की महिलाओं को एक लाख रुपए सालाना देने की बात किस मुँह से कर रही है? कांग्रेस देश को यह बताए कि महिलाओं को 50 लाख करोड़ रुपए सालाना वह कैसे देगी, जबकि देश का कुल बजट ही इतनी राशि का होता है। भारतीय जनता पार्टी के एकात्म परिसर स्थित कार्यालय में बुधवार को आहूत पत्रकार वार्ता में भाजपा नेत्रियों ने कहा कि कांग्रेस ने 2018 के चुनाव में जब गंगा मैया की सौगंध खाकर महिलाओं से धोखा किया, तभी मन में आ गया था कि इस पार्टी में नहीं रहना है। कांग्रेस ने गंगाजल की सौगंध लेकर प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था, पर कांग्रेस की भूपेश सरकार को ही शराब की लत लग गई। शराबबंदी के नाम पर महिलाओं के साथ विश्वासघात करने वाली कांग्रेस की सरकार ने उसमें दो हजार करोड़ रुपए का घोटाला तक कर डाला। कांग्रेस ने महतारी सम्मान योजना के तहत प्रतिमाह 500 रुपए और विधवा व वृद्ध महिलाओं को 1,000 रुपए देने का वादा किया था लेकिन पाँच साल में एक रुपया तक महिलाओं को नहीं दिया गया। भाजपा नेत्रियों ने कहा कि इससे अधिक शर्मनाक और क्या हो सकता है कि कांग्रेस ने महिला स्व-सहायता समूहों का कर्ज माफ करने तथा आर्थिक स्थिति सुधारने हेतु सख्त नियम बनाने की बात कही थी लेकिन उन समूहों का कर्ज माफ तो किया नहीं, उल्टे रेडी टू ईट योजना का काम छीन लिया।