गांव से विधायक की माया नहीं छूट रही, पूर्व विधायक को बंगला मोह ने जकड़ा

शिकायत समस्या के निवारण के लिए भटक रहे कांकेर के लोग छत्तीसगढ़ संवाददाता कांकेर, 3 सितंबर। विधायकों की मोह माया के चलते क्षेत्र की जनता पीस रही है। कांकेर के वर्तमान विधायक का अपने गांव से माया नहीं छूट रही तो पूर्व विधायक को बंगला मोह ने जकड़ रखा है। परिणाम स्वरूप जनता को विधायक से मिलने उनके गृहग्राम तक का सफर करना पड़ रहा है। इधर, विधायक का कहना है कि माया तो जिंदगी भर नहीं छूटेगी। कांकेर विधानसभा क्ष़ेत्र के नवनिर्वाचित विधायक आशाराम नेताम ने जनसंपर्क के लिए अपने गृहग्राम बेवरती में ही अपना कार्यालय अंगना खोल कर लोगों की समस्या का निवारण कर रहे हैं। जिससे लोगों को शहर से अलग रूट पर लगभग सात किमी का सफर करना पड़ रहा है। इस संबंध में ज्ञात हुआ कि पांच वर्ष पहले कांकेर विधानसभा क्षेत्र के विधायक के लिए आंबटित बंगला व कार्यालय अब तक पूर्व विधायक शिशुपाल शोरी के ही कब्जे में है। ज्ञात हुआ कि शिशुपाल शोरी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी बंगला से उनका मोह नहीं छूट रहा है। बंगला मोह ने उन्हें इस तरह जकड़ रखा है कि इसके लिए वे अपना चोला तक बदल डाले। सत्ता के मोह में आकर वे अपनी मूल पार्टी कांग्रेस जिससे वे चुनाव जीतकर विधायक बने थे, उसे भी छोड़ दिए। अब वे सत्ताधारी पार्टी भाजपा में भी शामिल हो चुके हैं। सत्ताधारी पार्टी में आने का मुख्य कारण उनके ईडी के जांच के दायरे में आना भी बताया जा रहा है। अब तो लोगों का कहना है कि सत्तासीन भाजपा में आने के बाद विधायक बंगला खाली होना और भी जटिल हो गया है। पूर्व विधायक द्वारा बंगला खाली नहीं किए जाने व जिला मुख्यालय में आवास और कार्यालय के लिए दूसरा भवन आबंटित नहीं किए जाने से क्षेत्र की जनता को भटकना पड़ रहा है। भारतीय जनता पार्टी से निर्वाचित विधायक आषाराम नेताम ने अपने पुश्तैनी गांव बेवरती में जनसंपर्क कार्यालय खोल दिया है। जिसका अंगना नाम दिया गया है। कांकेर विधान सभा क्षेत्र की जनता अपनी शिकायत और समस्याओं के निवारण व भेंट करने के लिए विधायक के अंगना बेवरती में जा रहे रहे हंै। इस संबंध में विधायक आशाराम नेताम ने कहा कि गांव से माया तो जिंदगी भर नहीं छूटेगी। गांव और गरीबी में पला- बढ़ा हूं। गरीबों के दुख दर्द को काफी करीब से मैंने देखा है। इसलिए गांव और गरीबों से मेरा प्यार है। उनसे मेरा मोह माया नहीं छूट सकता। नैतिकता और संस्कृति भी यही कहती है। इसलिए मैंने अपने अंगने में ही कार्यालय खोल दिया है। क्षेत्र बहुत बड़ा है गांवों की संख्या भी सैकड़ों में है। लोगों को यदि असुविधा महसूस होगी तो वे जहां बेहतर लगे, वहां जनसंपर्क के लिए कार्यालय खोल देंगे।

गांव से विधायक की माया नहीं छूट रही, पूर्व विधायक को बंगला मोह ने जकड़ा
शिकायत समस्या के निवारण के लिए भटक रहे कांकेर के लोग छत्तीसगढ़ संवाददाता कांकेर, 3 सितंबर। विधायकों की मोह माया के चलते क्षेत्र की जनता पीस रही है। कांकेर के वर्तमान विधायक का अपने गांव से माया नहीं छूट रही तो पूर्व विधायक को बंगला मोह ने जकड़ रखा है। परिणाम स्वरूप जनता को विधायक से मिलने उनके गृहग्राम तक का सफर करना पड़ रहा है। इधर, विधायक का कहना है कि माया तो जिंदगी भर नहीं छूटेगी। कांकेर विधानसभा क्ष़ेत्र के नवनिर्वाचित विधायक आशाराम नेताम ने जनसंपर्क के लिए अपने गृहग्राम बेवरती में ही अपना कार्यालय अंगना खोल कर लोगों की समस्या का निवारण कर रहे हैं। जिससे लोगों को शहर से अलग रूट पर लगभग सात किमी का सफर करना पड़ रहा है। इस संबंध में ज्ञात हुआ कि पांच वर्ष पहले कांकेर विधानसभा क्षेत्र के विधायक के लिए आंबटित बंगला व कार्यालय अब तक पूर्व विधायक शिशुपाल शोरी के ही कब्जे में है। ज्ञात हुआ कि शिशुपाल शोरी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी बंगला से उनका मोह नहीं छूट रहा है। बंगला मोह ने उन्हें इस तरह जकड़ रखा है कि इसके लिए वे अपना चोला तक बदल डाले। सत्ता के मोह में आकर वे अपनी मूल पार्टी कांग्रेस जिससे वे चुनाव जीतकर विधायक बने थे, उसे भी छोड़ दिए। अब वे सत्ताधारी पार्टी भाजपा में भी शामिल हो चुके हैं। सत्ताधारी पार्टी में आने का मुख्य कारण उनके ईडी के जांच के दायरे में आना भी बताया जा रहा है। अब तो लोगों का कहना है कि सत्तासीन भाजपा में आने के बाद विधायक बंगला खाली होना और भी जटिल हो गया है। पूर्व विधायक द्वारा बंगला खाली नहीं किए जाने व जिला मुख्यालय में आवास और कार्यालय के लिए दूसरा भवन आबंटित नहीं किए जाने से क्षेत्र की जनता को भटकना पड़ रहा है। भारतीय जनता पार्टी से निर्वाचित विधायक आषाराम नेताम ने अपने पुश्तैनी गांव बेवरती में जनसंपर्क कार्यालय खोल दिया है। जिसका अंगना नाम दिया गया है। कांकेर विधान सभा क्षेत्र की जनता अपनी शिकायत और समस्याओं के निवारण व भेंट करने के लिए विधायक के अंगना बेवरती में जा रहे रहे हंै। इस संबंध में विधायक आशाराम नेताम ने कहा कि गांव से माया तो जिंदगी भर नहीं छूटेगी। गांव और गरीबी में पला- बढ़ा हूं। गरीबों के दुख दर्द को काफी करीब से मैंने देखा है। इसलिए गांव और गरीबों से मेरा प्यार है। उनसे मेरा मोह माया नहीं छूट सकता। नैतिकता और संस्कृति भी यही कहती है। इसलिए मैंने अपने अंगने में ही कार्यालय खोल दिया है। क्षेत्र बहुत बड़ा है गांवों की संख्या भी सैकड़ों में है। लोगों को यदि असुविधा महसूस होगी तो वे जहां बेहतर लगे, वहां जनसंपर्क के लिए कार्यालय खोल देंगे।