डेटिंग ऐप्स के ज़रिये प्रेम तलाशती पीढ़ी फिल्म से जुड़ा हुआ महसूस करती है- सतीश पांडे
डेटिंग ऐप्स के ज़रिये प्रेम तलाशती पीढ़ी फिल्म से जुड़ा हुआ महसूस करती है- सतीश पांडे
बंगला 1947 फिल्म को मिल रहा दर्शकों का प्रतिसाद
भारतीय संस्कृति और विरासत की समृद्धि और गहराई के बारे में युवाओं हो रहे जागरूक
छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायपुर, 5 अप्रैल। सतीश पांडे और आकाशादित्य लामा द्वारा निर्देशित फिल्म बंगाल 1947 को युवा दर्शकों ने सराहा है। क्रू और गॉडजिला जैसी ए लिस्टेड फिल्मों के साथ रिलीज होने के बावजूद यह फिल्म लोगों की पसंद बनी हुई है। बंगाल 1947 29 मार्च को रिलीज हुई है।
दर्शकों से मिली प्रतिक्रिया के बारे में बताते हुए, सतीश पांडे ने बताया कि देवोलीना भट्टाचार्जी अभिनीत इस फिल्म ने युवा दर्शकों के बीच अभूतपूर्व प्रतिक्रिया पैदा की है। इस फिल्म में युवा शबरी और मोहन की प्रेम कहानी से दर्शक मंत्रमुग्ध हैं। दिलचस्प बात यह है कि डेटिंग ऐप्स के माध्यम से प्यार खोजने की आदी इस पीढ़ी को, फिल्म में दिखाया गया कि पुराने ज़माने का रोमांस बेहद निजी लगता है और वे उससे जुड़ा हुआ महसूस करते हैं।
पांडे ने बताया कि निर्माता के रूप में यह मेरी और ऋषभ (जो एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता हैं) की पहली फिल्म है। और हमें जो जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है, वह स्टोरीटेलर के तौर पर हमारी सफलता का सच्चा प्रमाण है। इस फिल्म निर्माण यात्रा में टीम से सराहनीय सहयोग मिला। मैंने यह फिल्म व्यावसायिक उद्देश्य या पैसा कमाने के लिए के लिए नहीं बनाई है, बल्कि इसलिए बनाई है कि लोग हमारे इतिहास के बारे में जाने, और इसे समझना और इससे सीखना ज़रूरी है। इस फिल्म का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय संस्कृतियों से प्रभावित युवा वर्ग में भारतीय संस्कृति और विरासत की समृद्धि और गहराई के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
बंगला 1947 फिल्म को मिल रहा दर्शकों का प्रतिसाद
भारतीय संस्कृति और विरासत की समृद्धि और गहराई के बारे में युवाओं हो रहे जागरूक
छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायपुर, 5 अप्रैल। सतीश पांडे और आकाशादित्य लामा द्वारा निर्देशित फिल्म बंगाल 1947 को युवा दर्शकों ने सराहा है। क्रू और गॉडजिला जैसी ए लिस्टेड फिल्मों के साथ रिलीज होने के बावजूद यह फिल्म लोगों की पसंद बनी हुई है। बंगाल 1947 29 मार्च को रिलीज हुई है।
दर्शकों से मिली प्रतिक्रिया के बारे में बताते हुए, सतीश पांडे ने बताया कि देवोलीना भट्टाचार्जी अभिनीत इस फिल्म ने युवा दर्शकों के बीच अभूतपूर्व प्रतिक्रिया पैदा की है। इस फिल्म में युवा शबरी और मोहन की प्रेम कहानी से दर्शक मंत्रमुग्ध हैं। दिलचस्प बात यह है कि डेटिंग ऐप्स के माध्यम से प्यार खोजने की आदी इस पीढ़ी को, फिल्म में दिखाया गया कि पुराने ज़माने का रोमांस बेहद निजी लगता है और वे उससे जुड़ा हुआ महसूस करते हैं।
पांडे ने बताया कि निर्माता के रूप में यह मेरी और ऋषभ (जो एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता हैं) की पहली फिल्म है। और हमें जो जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है, वह स्टोरीटेलर के तौर पर हमारी सफलता का सच्चा प्रमाण है। इस फिल्म निर्माण यात्रा में टीम से सराहनीय सहयोग मिला। मैंने यह फिल्म व्यावसायिक उद्देश्य या पैसा कमाने के लिए के लिए नहीं बनाई है, बल्कि इसलिए बनाई है कि लोग हमारे इतिहास के बारे में जाने, और इसे समझना और इससे सीखना ज़रूरी है। इस फिल्म का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय संस्कृतियों से प्रभावित युवा वर्ग में भारतीय संस्कृति और विरासत की समृद्धि और गहराई के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।