प्रदेश का एक ऐसा गांव जहां अचानक बढ़े खुदकुशी के मामले

शांति के लिए पूजा-अर्चना का दौर जारी, अफसर व स्वास्थ्य अमला पहुंचकर लोगों से कर रहे चर्चा छत्तीसगढ़ संवाददाता गरियाबंद, 25 मार्च। छत्तीसगढ़ का एक गांव ऐसा है, जहां 20 दिनों के भीतर 3 लोगों ने आत्महत्या की है, वहीं 15 लोगों को आत्महत्या के प्रयास करते बचाया गया। खबर मिलते ही एसडीओपी, एसडीएम, तहसीलदार एवं स्वास्थ्य विभाग के अमला पहुंचकर लोगों से चर्चा कर रहे हैं। ज्ञात हो कि इस गांव में 200 से ज्यादा हायर सेकंडरी पास बेरोजगार हैं, 400 से ज्यादा ऐसे कृषक हैं, जो 382 हेक्टेयर भूमि कृषि कार्य करते तो हैं पर उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिलता। पट्टा बनाने चार पीढ़ी से दफ्तर का चक्कर काट रहे। हम बात कर रहे हैं मैंनपुर ब्लॉक के इन्दागांव की, यहां की आबादी 3500 से ज्यादा है, लेकिन यह गांव सुर्खियों में तब आया, जब यहां के युवाओं की आत्महत्या के मामले अचानक 20 दिनों में बढ़ गए। तहसील मुख्यालय मैनपुर से 40 किमी दूर देवभोग मार्ग में नेशनल हाइवे के ऊपर बसे ग्राम इंदागांव में 3 मार्च से 21 मार्च तक कुल 11 लोगों ने आत्महत्या के प्रयास किए, जिसमें 3 अपने इरादे में सफल हो गए इंदागांव के आश्रित ग्राम भेजाकोटपारा में आत्महत्या के प्रयास करने वालों की संख्या रोजाना बढ़ती जा रही है। इस मोहल्ले से अब तक 15 लोगों के नाम सूचीबद्ध किए जा चुके हैं। मामला प्रकाश में आने के बाद मैनपुर एसडीएम, एसडीओपी और बीएमओ गांव में शिविर लगाकर ग्रामीणों की काउंसिल किए। इस मामले में गरियाबंद सीएमएचओ गार्गी यदु ने कहा कि मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों का दल प्राथमिक काउंसलिंग कर आई है आत्महत्या के प्रयास करने वालों का अलग-अलग काउंसिल करने के अलावा उत्पन्न सभी हालातों की विस्तृत जानकारी का जायजा लेगी, उसके बाद ही सटीक कारणों को बताया जा सकेगा। देवी -देवताओं की पूजा-अर्चना कर शांति की कामना लगातार आत्महत्या के मामले सामने आने के बाद इंदागांव पहुंचकर मीडिया ने वजह जानने की कोशिश की। गांव के सरपंच, पंच, कोटवार, पटेल, पुजारी से लेकर 100 से ज्यादा ग्राम प्रमुख माता देवालय के पास मौजूद थे, जो ग्राम देवी को आह्वान कर गांव में शांति की कामना के लिए पूजन कर रहे थे। ग्राम पुजारी सुंदर ने बताया कि लगातार बढ़ रहे मामले से गांव में भय व्याप्त है। आत्महत्या का प्रयास थमने का नाम नहीं ले रहा। ग्रामीणों की इच्छा अनुरूप शांति के लिए देवी का आवाह्न पूजन किया जा रहा है।

प्रदेश का एक ऐसा गांव जहां अचानक बढ़े खुदकुशी के मामले
शांति के लिए पूजा-अर्चना का दौर जारी, अफसर व स्वास्थ्य अमला पहुंचकर लोगों से कर रहे चर्चा छत्तीसगढ़ संवाददाता गरियाबंद, 25 मार्च। छत्तीसगढ़ का एक गांव ऐसा है, जहां 20 दिनों के भीतर 3 लोगों ने आत्महत्या की है, वहीं 15 लोगों को आत्महत्या के प्रयास करते बचाया गया। खबर मिलते ही एसडीओपी, एसडीएम, तहसीलदार एवं स्वास्थ्य विभाग के अमला पहुंचकर लोगों से चर्चा कर रहे हैं। ज्ञात हो कि इस गांव में 200 से ज्यादा हायर सेकंडरी पास बेरोजगार हैं, 400 से ज्यादा ऐसे कृषक हैं, जो 382 हेक्टेयर भूमि कृषि कार्य करते तो हैं पर उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिलता। पट्टा बनाने चार पीढ़ी से दफ्तर का चक्कर काट रहे। हम बात कर रहे हैं मैंनपुर ब्लॉक के इन्दागांव की, यहां की आबादी 3500 से ज्यादा है, लेकिन यह गांव सुर्खियों में तब आया, जब यहां के युवाओं की आत्महत्या के मामले अचानक 20 दिनों में बढ़ गए। तहसील मुख्यालय मैनपुर से 40 किमी दूर देवभोग मार्ग में नेशनल हाइवे के ऊपर बसे ग्राम इंदागांव में 3 मार्च से 21 मार्च तक कुल 11 लोगों ने आत्महत्या के प्रयास किए, जिसमें 3 अपने इरादे में सफल हो गए इंदागांव के आश्रित ग्राम भेजाकोटपारा में आत्महत्या के प्रयास करने वालों की संख्या रोजाना बढ़ती जा रही है। इस मोहल्ले से अब तक 15 लोगों के नाम सूचीबद्ध किए जा चुके हैं। मामला प्रकाश में आने के बाद मैनपुर एसडीएम, एसडीओपी और बीएमओ गांव में शिविर लगाकर ग्रामीणों की काउंसिल किए। इस मामले में गरियाबंद सीएमएचओ गार्गी यदु ने कहा कि मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों का दल प्राथमिक काउंसलिंग कर आई है आत्महत्या के प्रयास करने वालों का अलग-अलग काउंसिल करने के अलावा उत्पन्न सभी हालातों की विस्तृत जानकारी का जायजा लेगी, उसके बाद ही सटीक कारणों को बताया जा सकेगा। देवी -देवताओं की पूजा-अर्चना कर शांति की कामना लगातार आत्महत्या के मामले सामने आने के बाद इंदागांव पहुंचकर मीडिया ने वजह जानने की कोशिश की। गांव के सरपंच, पंच, कोटवार, पटेल, पुजारी से लेकर 100 से ज्यादा ग्राम प्रमुख माता देवालय के पास मौजूद थे, जो ग्राम देवी को आह्वान कर गांव में शांति की कामना के लिए पूजन कर रहे थे। ग्राम पुजारी सुंदर ने बताया कि लगातार बढ़ रहे मामले से गांव में भय व्याप्त है। आत्महत्या का प्रयास थमने का नाम नहीं ले रहा। ग्रामीणों की इच्छा अनुरूप शांति के लिए देवी का आवाह्न पूजन किया जा रहा है।