बाइडन और ट्रंप ने कुछ राज्यों में अपनी पार्टी का प्राइमरी चुनाव जीता
न्यूयॉर्क अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ राज्यों में...
न्यूयॉर्क
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ राज्यों में डमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी की ओर से प्राइमरी चुनाव जीत लिया।‘पॉर्न स्टार’ स्टॉर्मी डेनियल्स को गुप्त तरीके से धन देने के मामले में रिकॉर्ड में हेराफेरी करने के आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद पहली बार चुनाव में उतरे ट्रंप ने न्यू मेक्सिको, मोंटाना और न्यू जर्सी में प्राइमरी चुनाव जीता।
बाइडन ने न्यू मेक्सिको, साउथ डकोटा, न्यू जर्सी, मोंटाना और वाशिंगटन डीसी में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से प्राइमरी चुनाव जीता।
ट्रंप और बाइडन दोनों को मंगलवार को हुए मुकाबलों में आसानी से जीत हासिल करने की उम्मीद थी। लेकिन कई अमेरिकियों का कहना है कि वे 2020 के चुनाव को दोहराना नहीं चाहते हैं।
रिपब्लिकन पार्टी के प्राइमरी चुनाव में ट्रंप के वर्चस्व को पहले संयुक्त राष्ट्र की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने चुनौती दी थी लेकिन बाद में उन्होंने मार्च में राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवारी हासिल करने की दौड़ से बाहर होने की घोषणा की। हेली ने दो सप्ताह पहले कहा था कि वह नवंबर में ट्रंप के लिए वोट करेंगी।
हालांकि, न्यू मेक्सिको में वह प्राइमरी चुनाव की दौड़ में शामिल थीं जहां कई मतदाताओं ने हेली के पक्ष में वोट किया लेकिन मंगलवार देर रात तक उनका वोट प्रतिशत 10 फीसदी से कम था।
बाइडन को हमास के साथ इजराइल के युद्ध से निपटने को लेकर डेमोक्रेटिक मतदाताओं की नाखुशी के कारण हाल में हुए मुकाबलों में विरोध का सामना करना पड़ा था। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने प्राइमरी चुनाव में जीत दर्ज की।
इस बीच, मतदाताओं ने मंगलवार को इन राज्यों में संघीय, राज्य और स्थानीय कार्यालय के लिए प्राइमरी चुनाव में भी वोट डाला।
अमेरिकी सांसद ने 1989 के तियानमेन दमन को याद करते हुए चीनी खतरों से आगाह किया
अमेरिकी संसद के सदस्यों ने चीन के तियानमेन चौक पर हुए नरंसहार की बरसी पर मंगलवार को कहा कि सत्तारूढ़ चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी आज भी उतनी ही निर्दयी और दमनकारी है जितनी 1989 में थी जब उसने बीजिंग में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने वाले छात्रों के खिलाफ कार्रवाई के लिए टैंक भेजे थे।
डेमोक्रटिक सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने आगाह किया कि चीनी के राष्ट्रपति शी चिनफिंग अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हिंसा का सहारा लेने से भी गुरेज नहीं करते, उनके पूर्ववर्तियों ने भी ऐसा ही किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह याद रखना चाहिए जब शी चिनफिंग बोलते हैं कि वे विध्वंसकारी और अलगाववादी गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे…तो इसका मतलब वह दुनिया से कह रहे हैं कि (पार्टी) उन टैंकों को फिर से उन लोगों की आवाज दबाने के लिए भेज देगी जो स्वतंत्रता के लिए खड़े होंगे।’’
तियानमेन दमन की बरसी पर मंगलवार को आयोजित किए गए कार्यक्रम में इस आंदोलन के पूर्व छात्र नेता और हांगकांग के युवा कार्यकर्ता शामिल हुए। यह कार्यक्रम ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका ने चीन को लेकर अपनी नीति में प्रतिस्पर्धा पर जोर देना शुरू कर दिया है। इसका उद्देश्य चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकना है।
दक्षिण चीन सागर में बीजिंग की ओर से सेना की तैनाती और स्वशासित द्वीप ताइवान के खिलाफ सैन्य खतरों को लेकर भी दोनों देशों के बीच गतिरोध सामने आता रहा है।
अमेरिका ने की सफल चुनाव के लिए भारत सरकार और देश की जनता की सराहना
अमेरिका ने लोकसभा चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए भारत सरकार और देश की जनता की सराहना की। लोकसभा के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रहे हैं। हालांकि, तीन हिन्दी भाषी राज्यों में भाजपा को बड़ी संख्या सीटों का नुकसान हुआ है।
भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा के सभी 543 निर्वाचन क्षेत्र के लिए अंतिम परिणाम जारी कर दिये, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 240 और कांग्रेस को 99 सीट पर विजयी घोषित किया गया है। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मंगलवार को नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अमेरिका की ओर से, हम भारत सरकार और वहां के मतदाताओं को इतने बड़े चुनाव का आयोजन सफलतापूर्वक करने और उसका हिस्सा बनने के लिए बधाई देते हैं।’’
निर्वाचन आयोग द्वारा अंतिम परिणाम घोषित किए जाने से पहले मिलर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम अंतिम परिणाम देखने के लिए उत्सुक हैं।’’ वह भारत में लोकसभा चुनावों को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं चुनाव जीतने और हारने वालों पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा जैसा कि दुनियाभर में किया जाता है।
हमारे लिए महत्वपूर्ण यह है कि हमने पिछले छह हफ्ते के दौरान इतिहास में लोकतंत्र की सबसे बड़ी कवायद को देखा जहां भारत के लोग मतदान के लिए घरों से बाहर निकले।’’ उन्होंने अमेरिका सहित पश्चिमी देशों द्वारा भारत के चुनावों में दखल को लेकर तमाम खबरों का भी खंडन किया।
वहीं, अमेरिका में भारत-केंद्रित व्यापार एवं व्यवसाय समूह ‘द बोर्ड ऑफ अमेरिका-भारत स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप फोरम’ (यूएसआईएसपीएफ) ने मंगलवार को कहा, ‘‘हमारी संस्था राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 2024 के आम चुनावों में लगातार तीसरी बार ऐतिहासिक जीत के लिए बधाई देती है।’’ एक बयान में, यूएसआईएसपीएफ बोर्ड ने देश के ‘‘गौरवशाली लोकतांत्रिक इतिहास’’ में एक और नया अध्याय जोड़ने के लिए भारत के नागरिकों को भी बधाई दी।