बेटी को बनाया थानेदार, अब हिस्ट्रीशीटर श्रवण बाबल 10 दिन की रिमांड पर
जयपुर राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) की उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा-2021 के पेपर लीक मामले में...
जयपुर
राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) की उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा-2021 के पेपर लीक मामले में अब हिस्ट्रीशीटर श्रवण बाबल को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें एसओजी के हत्थे चढ़ी चंचल विश्नोई का पिता है श्रवण बाबल है। अब एसओजी उससे पूछताछ में जुटी है। उसने एसआई भर्ती का लीक पेपर लेकर अपनी बेटी चंचल को ही पढ़ाया या यह पेपर किसी ओर को भी दिया। इस बिंदु पर भी एसओजी पूछताछ करेगी। एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने श्रवण बाबल की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि उसे दस दिन के रिमांड पर लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है। दरअसल, पेपर लीक माफिया जगदीश विश्नोई उर्फ गुरु से उसने पर्चा हासिल किया था।
जमीन पर कब्जा छुड़ाने के बदले लिया पेपर
एसओजी की पड़ताल में सामने आया था कि पेपर लीक माफिया जगदीश विश्नोई की जोधपुर के हिस्ट्रीशीटर श्रवण बाबल से पुरानी दोस्ती है। जगदीश ने पेपर लीक की काली कमाई से झालामंड (जोधपुर) में करोड़ों की जमीन कम दाम में खरीदी थाष। जिस पर किसी ने कब्जा कर रखा था। इस जमीन से कब्जा छुड़वाने में जगदीश ने श्रवण से मदद ली थी। इसी के बदले जगदीश ने उसकी बेटी चंचल के लिए एसआई भर्ती का पेपर उसे दिया।
जेल में मुलाकात दोस्ती में बदली
बाड़मेर के चर्चित दिनेश मांजू हत्याकांड (2010) में जोधपुर के विवेक विहार थाने के हिस्ट्रीशीटर श्रवण बाबल का नाम भी सामने आया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और जयपुर जेल में रखा था। इस बीच एसओजी ने 2014 में जगदीश विश्नोई को भी गिरफ्तार कर लिया था। वह भी जयपुर जेल में रहा, जहां दोनों की मुलाकात हुई। बाद में दोनों जोधपुर जेल में भी साथ रहे, जहां दोनों की दोस्ती गहरी हो गई। जगदीश विश्नोई ने जयपुर के रविंद्र बाल भारती सीनियर सेकेंडरी स्कूल के परीक्षा केंद्र से एसआई भर्ती का पेपर चुराया था। इसके बाद उसने और उसकी गैंग के बदमाशों ने कई अभ्यर्थियों को 10-15 लाख रुपए लेकर पेपर दिया, लेकिन श्रवण से उसने पेपर के बदले रुपए नहीं लिए, क्योंकि उसकी जमीन से कब्जा छुड़वाने में श्रवण ने उसकी मदद की थी। उस समय श्रवण ने उससे अपनी बेटी की सरकारी नौकरी लगवाने की इच्छा जाहिर की थी। एसआई भर्ती का लीक पेपर पढ़कर चंचल इस परीक्षा में 372वीं रैंक लाई थी।