राजगढ़ में 5 किसानों की गेहूं की फसल जलकर राख:बिजली के तारों की चिंगारी से लगी आग, एक घंटे देरी से पहुंची दमकल
राजगढ़ में 5 किसानों की गेहूं की फसल जलकर राख:बिजली के तारों की चिंगारी से लगी आग, एक घंटे देरी से पहुंची दमकल
राजगढ़ जिले के खिलचीपुर थाना क्षेत्र के गोवर्धनपुरा गांव में रविवार को बिजली के तारों से निकली चिंगारी ने भयानक आग का रूप ले लिया, जिससे पांच किसानों की कई बीघा गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। किसानों ने बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि समय रहते तारों की मरम्मत होती तो यह हादसा टल सकता था। देरी से पहुंची फायर ब्रिगेड प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग लगने की सूचना तुरंत फायर ब्रिगेड को दी गई, लेकिन दमकल एक घंटे की देरी से पहुंची। इस दौरान आग ने विकराल रूप ले लिया और तीव्र हवा के कारण फसल तेजी से जलती चली गई। यदि किसानों ने तुरंत पानी और मिट्टी डालकर आग बुझाने की कोशिश नहीं की होती, तो यह पूरे गांव को चपेट में ले सकती थी। किसानों की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, खेतों में लगी आग की ऊंची-ऊंची लपटें देखकर आसपास के 4 गांवो के किसान दौड़ पड़े और आग बुझाने का प्रयास किया। ग्रामीणों ने तुरंत खिलचीपुर और राजगढ़ से फायर ब्रिगेड को सूचना दी, लेकिन दमकल के देर से पहुंचने के कारण फसल नहीं बच सकी। किसानों की तत्परता से आग पर कुछ हद तक काबू पाया गया, वरना यह आग हवा के साथ गांव तक पहुंच सकती थी और कई घर इसकी चपेट में आ सकते थे। किसानों को लाखों का नुकसान आगजनी की इस घटना में रामनिवास सौंधिया (2 बीघा), दिनेश सौंधिया (2 बीघा), कुमरे सौंधिया (3 बीघा), गुलाब सिंह सौंधिया (5 बीघा) और राकेश पांडे (2.5 बीघा) की फसल जलकर राख हो गई। गुलाब सिंह के खेत में तो कटी हुई गेहूं की पूरी फसल खाक हो गई। किसानों के मुताबिक, इस हादसे में करीब 3 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। बिजली विभाग की लापरवाही, शिकायतों के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई किसानों ने बताया कि गांव में लंबे समय से बिजली के जर्जर तार लटके हुए हैं, जिनकी मरम्मत के लिए कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरोप है कि लाइनमैन हर बार तार बदलने के नाम पर 5 हजार रुपये की मांग करता था। किसानों का यह भी कहना है कि विधायक हजारीलाल दांगी ने तारों की मरम्मत के निर्देश दिए थे, लेकिन बिजली विभाग ने झूठा दावा कर दिया कि मरम्मत हो चुकी है।
राजगढ़ जिले के खिलचीपुर थाना क्षेत्र के गोवर्धनपुरा गांव में रविवार को बिजली के तारों से निकली चिंगारी ने भयानक आग का रूप ले लिया, जिससे पांच किसानों की कई बीघा गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। किसानों ने बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि समय रहते तारों की मरम्मत होती तो यह हादसा टल सकता था। देरी से पहुंची फायर ब्रिगेड प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग लगने की सूचना तुरंत फायर ब्रिगेड को दी गई, लेकिन दमकल एक घंटे की देरी से पहुंची। इस दौरान आग ने विकराल रूप ले लिया और तीव्र हवा के कारण फसल तेजी से जलती चली गई। यदि किसानों ने तुरंत पानी और मिट्टी डालकर आग बुझाने की कोशिश नहीं की होती, तो यह पूरे गांव को चपेट में ले सकती थी। किसानों की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, खेतों में लगी आग की ऊंची-ऊंची लपटें देखकर आसपास के 4 गांवो के किसान दौड़ पड़े और आग बुझाने का प्रयास किया। ग्रामीणों ने तुरंत खिलचीपुर और राजगढ़ से फायर ब्रिगेड को सूचना दी, लेकिन दमकल के देर से पहुंचने के कारण फसल नहीं बच सकी। किसानों की तत्परता से आग पर कुछ हद तक काबू पाया गया, वरना यह आग हवा के साथ गांव तक पहुंच सकती थी और कई घर इसकी चपेट में आ सकते थे। किसानों को लाखों का नुकसान आगजनी की इस घटना में रामनिवास सौंधिया (2 बीघा), दिनेश सौंधिया (2 बीघा), कुमरे सौंधिया (3 बीघा), गुलाब सिंह सौंधिया (5 बीघा) और राकेश पांडे (2.5 बीघा) की फसल जलकर राख हो गई। गुलाब सिंह के खेत में तो कटी हुई गेहूं की पूरी फसल खाक हो गई। किसानों के मुताबिक, इस हादसे में करीब 3 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। बिजली विभाग की लापरवाही, शिकायतों के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई किसानों ने बताया कि गांव में लंबे समय से बिजली के जर्जर तार लटके हुए हैं, जिनकी मरम्मत के लिए कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरोप है कि लाइनमैन हर बार तार बदलने के नाम पर 5 हजार रुपये की मांग करता था। किसानों का यह भी कहना है कि विधायक हजारीलाल दांगी ने तारों की मरम्मत के निर्देश दिए थे, लेकिन बिजली विभाग ने झूठा दावा कर दिया कि मरम्मत हो चुकी है।